मंगलवार, 10 अगस्त 2021

ख्वाहिश

सूरज की रोशनी तले,जीते हुए, 

चांद भी तो निरा अकेला है।

 रंगीन ख्वाबों तले सब मन अकेला है, 

शराफत के चादर तले हर इंसान नंगा है। 

 बस ख्वाहिश है ये ख़ुदा, 

तन से तो नंगा बनाया ही है तूने, 

बस मन और भावों से नंगा मत बनाना। 

हर चमकता चीज सोना नहीं होता, 

बस इतनी समझ दे दो।  

ऐसा ना हो कि दूर के सुहावने ढोल के चक्कर में, 

अपना राग भी टूट जाए। ।

     पूनम 🤗


शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

मन औऱ मौसम

फूल खिलते तो है,
पर मुरझाए से
तितलियां उड़ती तो हैं,
सुस्त सी,
धूप भी खिलती है,
पर मंद सी
बादल भी आते हैं,
पर शुष्क से।
सावन भी आया तो है,
पर  है सिर्फ बेचैनी सी।
क्या मौसम ही ऐसा है।
या दिल में हैं दर्द सी।

            पूनम 😐

शनिवार, 17 जुलाई 2021

बात ना बनी ।।

ज आओ ना जानम

बना लें बिगड़ी बात, 

करें बातें दिल खोकर।

दिन कितने हो गए

किए, एक वो बात,

जब होता था ना कोई राज

जाओ सनम ,
कर लें बातें मन भर।

हो जाएं एकाकार 

बस यही तो कहा था मैंने
जाने  क्या हुआ  ऐसा ,


बदल दिए उसने अपने अंदाज,
बं ना  हो पाई मेरी आंख 

हमेशा हमेशा के लिये 
छोड़ दिया मेरा साथ .....नींद ने ।।

         पूनम 😐

रविवार, 16 मई 2021

खयाल

 

रिश्ता हमारा भी बेहद अनमोल था,
रखा था हमने एक दूजे का पूरा ख्याल
फर्क़ सिर्फ इतना था........
मेरे ख़यालों में सिर्फ और सिर्फ वो था ,
और उसके ख़यालों में, मैं ही ना थी।।

                                 पूनम😬

गुरुवार, 20 जून 2019

बेघर !!


चले जा रहे है....

कहाँ ?
पता नही.....
किसी ने पूछा?
घर जा रहे हो,
घर....कैसा घर,
घर क्या सिर्फ
चार दीवार होते हैं।
जहां,सिर्फ सनाटा,
खड़े चार दीवार ,
फिर भी चारों अकेले
वृहद खालीपन,
 बेटी ने कहा ,
मेरे 'घर'आ जाओ...
पति ने कहा,...
मेरे घर आ जाओ...
फिर कानों में जोरदार गूँज,
घर, मेरा घर कहां.......
 घर को चलाते,चलाते
मैं बेघर...........
नहीं है कोई घर मेरा !!
जा रही फिर क़ैद में चार दीवारों  की।।
                   पूनम🤔

सोमवार, 18 जून 2018

आपने फुरसत में आने का बहाना जो शुरू किया,

ख्वाबों ने भीे नींद का आशियाना छोड़ दिया ।।

                                           पूनम💗

शनिवार, 16 जून 2018

फादर्स डे!!


पापा, आज के पापा,
फादर्स डे मनाते पापा,
ऑफिस, मीटिंग से भाग -भाग
बच्चों का डायपर बदलते पापा।
कठिन है, पर घर बाहर
दोनों जिम्मेदारी लेना,
काम काजी दुनिया में
मम्मी के संग कदम से कदम मिला
हाँथ बटाते पापा।।
फादर्स डे मनाते पापा।।

पहले पापा के घर में आते
बच्चे सहम, सिमट जाते थे
अपने काम में लग जाते थे,
मम्मी भी शेर आएगा जैसे
पापा का डर दिखा,डराती थीं।
होते थे बाहर से कठोर ,
अंदर कोमल पापा,
भाया मम्मी बातें जानते थे पापा।

आज फूल की तरह खिला बच्चों को
उनके साथ खेलते, खाते
अकेले दम पे 'पापा'बनते पापा।
बच्चों के सुपरमैन बनते पापा।

बच्चों के पढ़ाई से खेल तक ,
गृहकार्य से प्रोजेक्ट तक ,
परीक्षा काल में जागते,
अपनी अच्छाइयों और बुराइयों से अवगत कराते,
दुनिया दारी सिखाते,
हंसते ,खिलखिलाते पापा।
फादर्स डे मनाते पापा।
हैप्पी फादर्स डे।।
पूनम♥




तट

तोड़ते रहे तुम बंदिशें , और समेटती रही मैं,  बारंबार ! की कोशिश जोड़ने की, कई बार ! पर गई मैं हार , हर बार ! समझ गई मैं, क्यु हूँ  बेकरार ! ...