शनिवार, 16 जून 2018

फादर्स डे!!


पापा, आज के पापा,
फादर्स डे मनाते पापा,
ऑफिस, मीटिंग से भाग -भाग
बच्चों का डायपर बदलते पापा।
कठिन है, पर घर बाहर
दोनों जिम्मेदारी लेना,
काम काजी दुनिया में
मम्मी के संग कदम से कदम मिला
हाँथ बटाते पापा।।
फादर्स डे मनाते पापा।।

पहले पापा के घर में आते
बच्चे सहम, सिमट जाते थे
अपने काम में लग जाते थे,
मम्मी भी शेर आएगा जैसे
पापा का डर दिखा,डराती थीं।
होते थे बाहर से कठोर ,
अंदर कोमल पापा,
भाया मम्मी बातें जानते थे पापा।

आज फूल की तरह खिला बच्चों को
उनके साथ खेलते, खाते
अकेले दम पे 'पापा'बनते पापा।
बच्चों के सुपरमैन बनते पापा।

बच्चों के पढ़ाई से खेल तक ,
गृहकार्य से प्रोजेक्ट तक ,
परीक्षा काल में जागते,
अपनी अच्छाइयों और बुराइयों से अवगत कराते,
दुनिया दारी सिखाते,
हंसते ,खिलखिलाते पापा।
फादर्स डे मनाते पापा।
हैप्पी फादर्स डे।।
पूनम♥




2 टिप्‍पणियां:

  1. बच्चों की कल्पना और
    मां की अभिलाषा से
    अपने यथार्थ की जुगाड़ जोड़ते
    पापा!!!

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  2. बदलते समय के साथ , पिता की बदलती भूमिका के बारे में भावपूर्ण रचना प्रिय पूनम जी
    |सचमुच नयी पीढ़ी ने बच्चों के प्रति अपने दायित्वों का बहुत ही सजगता से निर्वहन किया है|
    पहली पीढ़ी के पिता एक रुआब और अति अनुशासन के चलते बच्चो से ज्यादा घुलमिल नहीं
    पाते थे | नए पापा ने एक अंदाज में अपनी भूमिका निभाई है | हार्दिक शुभकामनायें |

    जवाब देंहटाएं

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