फूल खिलते तो है,
पर मुरझाए से ।
तितलियां उड़ती तो हैं,
पर सुस्त सी।,
धूप भी खिलती है,
पर मंद सी ।
बादल भी आते हैं,
पर शुष्क से।
सावन भी आया तो है,
पर है सिर्फ बेचैनी सी।
क्या मौसम ही ऐसा है।
या दिल में हैं दर्द सी।
पूनम 😐
फूल खिलते तो है,
पर मुरझाए से ।
तितलियां उड़ती तो हैं,
पर सुस्त सी।,
धूप भी खिलती है,
पर मंद सी ।
बादल भी आते हैं,
पर शुष्क से।
सावन भी आया तो है,
पर है सिर्फ बेचैनी सी।
क्या मौसम ही ऐसा है।
या दिल में हैं दर्द सी।
पूनम 😐
आज आओ ना जानम
बना लें बिगड़ी बात,
करें बातें दिल खोल कर।
दिन कितने हो गए
किए, हर एक वो बात,
जब होता था ना कोई राज।
आ जाओ न सनम ,
कर लें बातें मन भर।
हो जाएं एकाकार
बस यही तो कहा था मैंने
जाने क्या हुआ ऐसा ,
बदल दिए उसने अपने अंदाज,
बंद ना हो पाई मेरी आंख
हमेशा हमेशा के लिये
छोड़ दिया मेरा साथ .....नींद ने ।।
पूनम 😐
तोड़ते रहे तुम बंदिशें , और समेटती रही मैं, बारंबार ! की कोशिश जोड़ने की, कई बार ! पर गई मैं हार , हर बार ! समझ गई मैं, क्यु हूँ बेकरार ! ...