वादा किया, कभी रुख़सत न होंगे
अनजाने राह पे दर्दे दिल बयां हुई।।
हाले दिल नहीं सबका एक सा,
हमारी दिले बयान सरेआम हुईं।।
ख्वाब देखना भी एक शगल था
अरमाने कत्ल भी अब आम हुईं।।
व्यवहार हर का होता नहीं एक
पर परख कर बातें तमाम हुईं।।
इजहार की गुलाब गईं मुरझा
प्यार से वफ़ा काफ़ूर हुईं।।
इंतजार किया उसे पाने की,
हर कोशिशें नाकाम हुईं।।
नयन थीं सब एक सी
पर अंदाजे नजर तमाम हुईं।।
बेबाक सी है हर एक तमन्ना
गुस्ताखियों में दिल बदनाम हुईं।।
इंतजार,इजहार,गुलाब,ख्वाब,वफ़ा,नशा
उसे पाने की कोशिशें तमाम हुईं सरेआम हुईं।
अनजाने राह पे दर्दे दिल बयां हुई।।
हाले दिल नहीं सबका एक सा,
हमारी दिले बयान सरेआम हुईं।।
ख्वाब देखना भी एक शगल था
अरमाने कत्ल भी अब आम हुईं।।
व्यवहार हर का होता नहीं एक
पर परख कर बातें तमाम हुईं।।
इजहार की गुलाब गईं मुरझा
प्यार से वफ़ा काफ़ूर हुईं।।
इंतजार किया उसे पाने की,
हर कोशिशें नाकाम हुईं।।
नयन थीं सब एक सी
पर अंदाजे नजर तमाम हुईं।।
बेबाक सी है हर एक तमन्ना
गुस्ताखियों में दिल बदनाम हुईं।।
इंतजार,इजहार,गुलाब,ख्वाब,वफ़ा,नशा
उसे पाने की कोशिशें तमाम हुईं सरेआम हुईं।
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