चले जा रहे है....
कहाँ ?पता नही.....
किसी ने पूछा?
घर जा रहे हो,
घर....कैसा घर,
घर क्या सिर्फ
चार दीवार होते हैं।
जहां,सिर्फ सनाटा,
खड़े चार दीवार ,
फिर भी चारों अकेले
वृहद खालीपन,
बेटी ने कहा ,
मेरे 'घर'आ जाओ...
पति ने कहा,...
मेरे घर आ जाओ...
फिर कानों में जोरदार गूँज,
घर, मेरा घर कहां.......
घर को चलाते,चलाते
मैं बेघर...........
नहीं है कोई घर मेरा !!
जा रही फिर क़ैद में चार दीवारों की।।
पूनम🤔
सही है, चार दीवारों के घेरे में घर नहीं होता। घर तो वहां होता है जहां ममता की मंजूषा, वात्सल्य की वाटिका और करुणा का क्रोड़- अपनी सरस सुधा से समस्त कुल को सिंचित करनेवाली घरवाली होती है।
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंयूँ नारी के बिना कोई घर नहीं होता फिर भी असलियत ये है कि उसका अपना कोई घर नहीं होता | फिर भी चारदीवारी को घर बनाने की क्षमता बस उसी में है | मार्मिक रचना !
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