बचपन मे एक कहानी सुनी थी......
दो चिड़िया थे।
एक को पिंजरे मे रहने की आदत थी और दूसरे को उन्मुक्त आकाश में कुलांचे भरने की। दोनों मे प्यार हो गया। बहुत प्यार करते थे दोनों एक दूसरे से। उन्मुक्त गगन में विचरने वाले को पिंजरा कतई रास ना आता और पिंजरे में रहने वाली ने तो अब अपना घर बसा ही लिया था.......
ना उसने आकाश छोड़े, ना उसने पिंजरा......😑
तब से आकाश में पिंजरा और पिंजरे में आकाश का वास हो गया।
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