वक़्त वक़्त की बात है ……
एक मौलवी साहब थे ।
एक दिन मुर्ग़ा बेचने वाला आया ,मौलवी साहब के पोते ने कहा दादा दादा मुर्ग़ा ले दो ।दादा ने पूछा क्या भाव, मुर्ग़े वाले ने कहा, टके सेर बाबा।दादा की अण्टी में उस वक़्त एक टका ही था ।। दादा ने तुरंत कहा ,तौबा मियाँ , तौबा ये तो बहुत महँगा है ।
कुछ महीनों के बाद फिर मुर्ग़े वाले को देख पोता मचला । मुर्ग़े वाले ने कहा,५ रुपए सेर…..। पोते ने सोचा आज तो बिल्कुल ही नहीं ख़रीदेगा दादा।लेकिन,दादा तो ख़ुश हो कर बोला अरे ले लो ,ले लो बड़ा सस्ता दे रहा है…. पोता आश्चर्य से दादा को देखता है । दादा पैसे देने लगा… आज दादा की अंटी में १० रुपए हैं…….।।
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