गुरुवार, 7 सितंबर 2017

बेवफा !!


जिंदगी भी बड़ी अजीब है
हंसने ही नही देती।
रोने भी नहीं देती
नदी के हर लहरों को
किनारा नहीं मिलता।।
हर प्रेयसी को उसका
सहारा नहीं मिलता।

माना मैं नहीं तुम्हारे काबिल
पर बेवफाई का भी आस न था,
हर राह चलते पे, तुम झुक जाओगे
ऐसा भी अंदाज न था।
खुदगर्ज तुम,देखी थी बेरुखी तुम्हारी
कई बार,
सरेआम जिल्लत करना भी था
तुम्हारे आदत में बेशुमार ।
पर ये ना था भान,
खुलेआम ,सरेबाजार ,
हमारे रिश्ते को करोगे जार जार।।

हंस लो जी भर के
मेरी बेबसी पर,
मेरी हर बून्द आंसूं के
तुम्हारी खुशी की दुआ करेंगे।
मुक्त हो तुम,कोई नहीं बंदिश,
ना ही हमें कोई रंजिश ।
जी लो अपनी जिंदगी खुल कर
कोई एक तो रहे खुश हो कर।

लाचार मैं , तुम्हें प्यार करने का
चाह रखती हूं,
पाने का अधिकार नहीं।
कभी साथ हंसने ,रोने वाले
आज एक दूसरे पे हंसते रोते हैं।

सूखे पत्तों की तरह गिर जाएंगे
तुम्हारी साखों से,
अपने नए हरी पत्तियों के साथ आबाद रहना।
पर इतना जरूर याद रखना,
बेवफाई सिर्फ 'वफ़ा'करने वालों को ही
नहीं मिलती,
'बेवफा,' को भी ये अपने आगोश में ले लेती हैं।।
पूनम💔

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