बुधवार, 11 अक्तूबर 2017

हाँ ! थक गई हूँ मैं ।।



थक गई हूँ मैं!
हाँ ! थक गई हूँ मैं, नफरत कर कर के,
तुम्हारे नजरअंदाजी से,बेफिक्री से,
उदासीनता झेल झेल के,
हाँ! तम्हारे नफरत से,
थक गई हूं मैं।
मुझे तो अब सिर्फ प्यार चाहिये,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा प्यार।

मैं क्यूँ तरसूं, तुम्हारे प्यार को
मुझे क्या पता तुम कहाँ व्यस्त हो
मैं क्यों सिर्फ तुम्हारे इंतजार में
जिंदगी  के खूबसूरत लम्हें बिता दूँ।
मुझे तो सिर्फ प्यार चाहिए,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा प्यार।

हर क्षण, हर पल
तुम सिर्फ और सिर्फ मेरे पास चाहिये।
मुझे क्या पता तुम किधर देख रहे हो,
मैं क्यों तुम्हारे देखने की चाह में
अपनी  नयनों की रोशनी गवां दूं।
मुझे तो सिर्फ प्यार चाहिए,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा प्यार।

सांसों के हर उतार चढ़ाव में
मुझे तो सिर्फ तेरी खुशबू चाहिए,
मुझे क्या पता,
तुम किन बागों में विचर रहे हो।
मैं क्यों तुम्हारे भौंरे बनने की चाह में
अपने जीवन के हर रंग को मिटा दूँ।
मुझे तो सिर्फ  प्यार चाहिए,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा प्यार ।

मेरे कानों में हर वक़्त  सिर्फ ,
तुम्हारे दिल के धड़कन की,
सुमधुर तान चाहिए!
मुझे क्या पता तुम क्या गुनगुना रहे हो,
मैं क्यों तुम्हारे राग छेड़ने के इंतजार में,
अपने जीवन के हर लय को भुला दूँ।
मुझे तो सिर्फ प्यार चाहिए,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा प्यार।।

मेरे दिल के हर पन्ने पे मुझे तो
सिर्फ तेरा ही अक्स चाहिए,
मुझे क्या पता तुम क्या पढ़ रहे हो,
इश्क के गणित में एक और एक ,
एक ही होता है ! इस पाठ को,
मैं क्यों कर भुला दूँ।
मुझे तो सिर्फ प्यार चाहिए,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा प्यार।।
पूनम❤

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