चाँद भी रोज कट कट कर मरता
और कट-कट कर जीता है
'विश्व' को क्या पता,
वो तो सिर्फ 'पूनम' की,
चाँदनी को पीता है।।
पूनम🤔
तोड़ते रहे तुम बंदिशें , और समेटती रही मैं, बारंबार ! की कोशिश जोड़ने की, कई बार ! पर गई मैं हार , हर बार ! समझ गई मैं, क्यु हूँ बेकरार ! ...
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