सोमवार, 5 मार्च 2018

महिला दिवस की बधाई।।



अलसायी फिजा में साँय-साँय करती बयार ,जैसे मन की, परिक्रमा कर रही हो। धरा ने सूरज 'महाराज' की एक और परिक्रमा पूरी कर ली है, चक्र काट रही जो अपनी ही धुरी पे, भले हीं कितना ताप झेल रही हो, कितने ही भार उठा रही हो। किसे पड़ी है इनकी, छोड़ो इन बकवास बातों को, खुश हो जाओ, हमने भी एक परिक्रमा पूरी कर ली है। फिर से 'women's day'आने वाला है। एक बार फिर से हम नारियों का अभिनंदन करेंगे,उन्हें , अगली परिक्रमा को तैयार करेंगे याद दिलाएंगे की तुम 'नारी' हो, साल का एक दिन तुम्हारा है। हमने कितना खयाल रखा है, भले ही 364 दिन , ना रहे खयाल तुम्हारा। लेकिन आज हम गुणगान करेंगे.... तुम्हारे कर्मों का नहीं, अधिकारों का नहीं, सिर्फ और सिर्फ, अपने महत्व का! जो हमने वर्ष भर की परिक्रमा के बाद एक दिन तुम्हें दिया। और नारी खुश,भाव विह्वल! भूल जाएंगी अपने हर निशानों को, उनके शरीर पे यहां, वहां,..... तो दिल पे इतने गहरे जो सहलाने भर से और दर्द दे जाते हैं। हो जाती हैं मुस्कुराने को मजबूर, दबा अपने नैनों के भावों को , अधरों से खुश होती हैं,भरपूर। एक दिन जो हुआ है उनके नाम।। भले इस दिन के एवज में करती रह जाएंगी परिक्रमा , अपनी ही धुरी पे सदैव, बन कोल्हू के बैल । Happy women's day😍 पूनम।

2 टिप्‍पणियां:

  1. गोपेश मोहन जैसवाल8 मार्च 2019 को 8:35 am बजे

    जल्दी से बर्तन-झाड़ू कर, कपड़े धो कर, खाना बना लो. आज अंतर्राष्ट्रीय महिला-दिवस के समारोह में तुम्हारा भी अभिनन्दन होगा.

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    1. जी बहुत बहुत आभार। इस बार फिर चूक गए,अगले वर्ष का इंतजार रहेगा।😀

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तट

तोड़ते रहे तुम बंदिशें , और समेटती रही मैं,  बारंबार ! की कोशिश जोड़ने की, कई बार ! पर गई मैं हार , हर बार ! समझ गई मैं, क्यु हूँ  बेकरार ! ...