मंगलवार, 16 जनवरी 2018

यूँ बवाल न होता!!

काश! तुम आते,
चुपके से गले लग जाते,
तो यूँ सवाल न होता।
मेरी हर खता पे ,
यूँ बवाल न होता।।

दिल के टूटने पे ,
होती नहीं आवाज
प्यार करने का मुझसे,
काश ! कर जाते आगाज़।।
आंसुओ की धार से
नयनों में ये सैलाब ना होता।
समुंदर के हर उफान पे
फिर ,ये बवाल न होता।।

गम भरपूर है,
हँसी के दरबार में,
सोचो तो सागर का भी दरकार न होता।
डूब जाओ तो है जिंदगी,
प्यार ही होती अगर बंदगी,
तो,ढाई आखर के इजहार पे,...
यूँ बवाल ना होता,कभी बवाल न होता।।
पूनम💕

1 टिप्पणी:

  1. अनुराग भरे मन के गिले भी कितने प्यारे होते हैं ?

    काश! तुम आते, चुपके से गले लग जाते, तो यूँ सवाल न होता। मेरी हर खता पे , यूँ बवाल न होता।---
    भावपूर्ण और हृदयस्पर्शी रचना प्रिय पूनम जी | सस्नेह --

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